सब सेना और सेनापतियों के ऊपर राज्याधिकार, दण्ड देने की व्यवस्था के सब कार्यों का आधिपत्य और सब के ऊपर वर्त्तमान सर्वाधीश राज्याधिकार इन चारों अधिकारों में सम्पूर्ण वेद शास्त्रें में प्रवीण पूर्ण विद्यावाले धर्मात्मा जितेन्द्रिय सुशील जनों को स्थापित करना चाहिये अर्थात् मुख्य सेनापति, मुख्य राज्याधिकारी, मुख्य न्यायाधीश, प्रवमान और राजा ये चार सब विद्याओं में पूर्ण विद्वान् होने चाहियें।- महर्षि दयानन्द सरस्वती, सत्यार्थ प्रकाश षष्ठ समुल्लास
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खुशी और सेहत उसके चेहरे से नूर टपकता है। जब हमें किसी के खुशमिजाज चेहरे और उसकी सेहतमंद मौजूदगी का जिक्र किसी और से करना होता है, तो हम इस तरह के जुमले इस्तेमाल करते हैं। जी, हाँ खुशी और सेहत दोनों ही हमारे चेहरे से टपकती हैं। किसी की ऐसी खूबसूरती को सबसे पहले नजर लगती है उसके बढते वजन से। हालांकि यह बायोलॉजिकल कम साइकोलॉजिकल ज्यादा...
आत्मज्ञान का पर्व शिवरात्रि शिवरात्रि आत्मज्ञान का पर्व है। सत्य को जानने और खोजने का पर्व है। शिवरात्रि सच्चे शिव के साथ जुड़ने का सन्देश देती है। जड़ पूजा से चेतन पूजा की ओर चलो। बाहर की दुनियां से अन्दर की दुनियां में आओ। उठो! जागो! अपने जीवन तथा जगत को संभालो। जीवन बड़ी तेजी से व्यर्थ की बातों, विवादों, उलझनों और भोगों...